महासुख
प्रकाशितकोशों से अर्थ
सम्पादनशब्दसागर
सम्पादनमहासुख संज्ञा पुं॰ [सं॰]
१. श्रृंगार । सजावट ।
२. बुद्धदेव का एक नाम ।
३. मैथुन । संभोग (को॰) ।
४. वज्रयानी बौद्धों के अनुसार निर्वाण के तीन अवयवों में से एक । उ॰— निर्वाण के तीन अवयव ठहराए गए, शून्य, विज्ञान और महासुख ।—इतिहास, पृ॰ ११ । विशेष—प्रज्ञा और उपाय के योग से सुलभ सहवास का यह सुख निर्वाण के सुख के समान माना जाता है । इसमें साधक इस प्रकार विलीन हो जाता है जिस प्रकार नमक पानी में ।