प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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मसनवी संज्ञा स्त्री॰ [अ॰ मस्नवी] उर्दू काव्य का एक प्रकार जिसमें कोइ कहानी या उपदेश एक ही वृत्ति में होता है और जिसमें हर शेर के दोनों मिसरे सानुप्रास होते हैं पर हर शेर का तुक भिन्न होता है । उ॰—जेहि के मसनवी जगत महँ, अगम निगम अवगाह ।—हिंदी प्रेमगाथा॰, पृ॰ २३२ ।