मलय
संज्ञा
प्रकाशितकोशों से अर्थ
शब्दसागर
मलय संज्ञा पुं॰ [सं॰ मलय (=पर्वत)]
१. दक्षिण भारत के एक पर्वत का नाम । विशेष—(१) यह पश्चिमी घाट का वह भाग है जो मैसूर राज्य के दक्षिण और ट्रावंकोर के पूर्व में है । यहाँ चंदन बहुत उत्पन्न होता है । पुराणों में इसे सात कुलपर्वतों में गिनाया गया है । (२) मलय शब्द पवन, समीर, वायु आदि शब्दों के आदि में समस्त होकर (१) सुगंधित और (२) दक्षिणी वायु का अर्थ देता है । जैसे, मलयसमीर, मलयपवन, आदि । पर्या॰—आषाढ़ । दक्षिणाचल । चंदनाद्रि । मलयाचल ।
२. मलबार देश ।
३. मलबार देश के रहनेवाले मनुष्य ।
४. एक उपद्वीप का नाम ।
५. सफेद चंदन । उ॰—दारु विचारु कि करइ कोउ बंदिय मलय प्रसंग ।—मानस, १ । १० ।
६. गरुड़ के एक पुत्र का नाम ।
७. नंदन वन ।
८. उद्यान । उपवन । बाग (को॰) ।
९. छप्पय के एक भेद का नाम । इसमे २५ गुरु, १०२ लघु, कुल १२७ वर्ण या १५२ मात्राएँ होती है ।
१०. पहाड़ का एक प्रदेश । शैलांग ।
११. ऋषभदेव के एक पुत्र का नाम ।
यह भी देखिए
- मलय भाषा (विकिपीडिया)