मरोड़ी संज्ञा स्त्री॰ [हि॰ मरोड़ना] १. ऐंठन । घुमाव । बल । मुहा॰—मरोड़ी करना=खींचातानी करना । इधर उधर करना । २. वह बत्ती जो आटे आदि में सने हुए हाथों से मलने पर छूटकर निकलती है । ३. गुत्थी । गाँठ ।