प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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मंदार सज्ञा पुं॰ [सं॰ मन्दार]

१. स्वर्ग के पाँच वृक्षों में से एक देववृक्ष ।

२. फरहद का पेड़ । नहसुत ।

३. आक । मदार ।

४. स्वर्ग ।

५. हाथी ।

६. धतुरा ।

७. हिरश्यकशिपु के एक पुत्र का नाम ।

९. मंदराचल पर्वत ।

१०. विंध्य पर्वत के किनारे के एक तीर्थ का नाम ।