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संज्ञा

मनुष्य

अनुवाद

प्रकाशितकोशों से अर्थ

शब्दसागर

मनुष्य संज्ञा पुं॰ [सं॰] जरायुज जाति का एक स्तनपायी प्राणी जो अपने मस्तिष्क या वुद्धिवल की अधिकता के कारण सव प्राणियों में श्रेष्ठ है । आदमी । नर । विशेष— मनुष्य महाभूत कहा गया है । प्राचीन ग्रंथों में सृष्टि के आदि में प्रायः सव जीव जंतुओं की उत्पत्ति एक साथ वताई गई है । पर आधुनिक प्राणिविज्ञान के अनुसाकर मूल अणुजीवों से क्रमशः उन्नति प्राप्त करते हुए एक के पीछे दूसरे उन्नत जीव होते गए हैं । जैसे, बिना रीढ़वाले जीवों से रीढ़वाले अंडज जीव हुए । फिर उन्हीं से जरायुज हुए । जरायुजों में भवके पीछे किंपुरुष वर्ग के बंदर या बनमानुस हुए । वनमानुसों से होते होते अंत में मनुष्य हुए । वैज्ञानिकों ने मनुष्य को पाँच प्रधान जातियों में बाँटा है (१) काकेशी, जिसके अंतर्गत आर्य और असुर (स्वामी) हैं । (२) मगोल, चीन जापान आदि के पीले लोग । (३) हाशी । (४) अमेरिकन । और (५) मलाया । पर्या॰— मानुष । मनुज । मानव । नर । द्विपद । पुमान् । पचजन । पुरुष । पूरुष ।