प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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मणि संज्ञा स्त्री॰ [सं॰]

१. बहुमूल्य रत्न । जवाहिर । जैसे, हीरा, पन्ना, मोती, माणिक आदि ।

२. सर्वश्रेष्ठ व्यक्ति । जैसे, रघुकुलमणि ।

३. बकरी के गले की थैली ।

४. पुरुषेंद्रिय का अगला भाग ।

५. योनि का अगला भाग ।

६. घड़ा ।

७. एक प्राचीन मुनि का नाम ।

८. एक नाग का नाम । मुहा॰—मणिकांचन योग=शोभा और सौंदर्य बढ़ानेवाला विचार, भावना वस्तुओं या व्यक्तियों का मिलाप । उ॰— पश्चिमी आर्यो की रुढ़िप्रियता, कर्मनिष्ठा के साथ ही साथ पूर्वी आर्यो की भावप्रवणता, विद्रोही वृत्ति और प्रेमनिष्ठा का मणिकांचन योग हुआ है ।—प्राचार्य॰, पृ॰ ३३ ।