मकरा
प्रकाशितकोशों से अर्थ
सम्पादनशब्दसागर
सम्पादनमकरा ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰ वरक] मड़ुवा नामक अन्न ।
मकरा ^२ संज्ञा पुं॰ [हिं॰ मकड़ा]
१. भूरे रंग का एक कीड़ा जो दीवारों और पेड़ों पर जाला बनाकर रहता है । इसकी टाँगे बड़ी बड़ी होती हैं ।
२. हलवाइयों की एक प्रकार की घोड़िया या चौघड़िया जिससे सेव बनाया जाता है । विशेष—यह एक चौकी होती है जिसमें छाननी की तरह छेदवाला लोहे का एक पात्र जड़ा होता है । इसी पात्र में घोला हुआ बेसन भरकर ऊपर में एक दस्ते से दबाते हैं जिससे नीचे सेव बनकर गिरता जाता है ।