प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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मंत्री संज्ञा पुं॰ [सं॰ मन्त्रिन्]

१. परामर्श देनेवाला । सलाह देनेवाला ।

२. वह पुरुष जिसके परामर्श से राज्य के कामकाज होते हों । सचिव । पर्या॰—अमात्य । सचिव । धीसख । स भवायिक ।

३. शतरंज की एक गोटी का नाम । विशेष—यह गोटी राजा से छोटी मानी जाती है और पक्ष की शेष सब गोटियों से श्रेष्ठ होती है । यह टेढी सीधी सब प्रकार की चालें चलती है । इसे वजीर या रानी भी कहते हैं ।

४. राजा का प्रधान सलाहकार, अमात्य (जैसे- गृह मंत्री, शिक्षा मंत्री), संस्था, सभा का प्रधान अधिकारी (जैसे- कांग्रेस दल का मंत्री, साहित्य सम्मेलन का मंत्री), शतरंज के खेल में वज़ीर नामक गोटी ।