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प्रकाशितकोशों से अर्थ सम्पादन

शब्दसागर सम्पादन

मंत्रयान संज्ञा पुं॰ [सं॰] बौद्ध धर्म की एक शाखा जिसका प्रचार तिब्बत, नेपाल, भूटान आदि में है । विशेष—इस संप्रदाय के ग्रंथों में अनेक तंत्र ग्रंथ हैं जिनके अनुसार तांत्रिक उपासना होती है । इस मत के प्रधान आचार्य सिद्ध नागार्जुन माने जाते हैं । इसे वज्रयान भी कहते हैं ।