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प्रकाशितकोशों से अर्थ सम्पादन

शब्दसागर सम्पादन

मंझ पु ^१ वि॰ [सं॰ मध्य, प्रा॰ मझझ, मझ] दे॰ 'मंझा' । उ॰— मंझ महल की को कहै, बाँका पस्वा सोया ।—कबीर सा॰ सं॰, पृ॰ १९ ।

मंझ पु ^२ वि॰ [सं॰ मन्द] दे॰ 'मंद' । उ॰—कबीर लहरि सगद की मोती बिखरे आइ । बगुला मझ न जाणई हस चुणो चुणि खाइ ।—कबीर ग्रं॰, पृ॰ ७८ ।