प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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मंच सज्ञा पुं॰ [सं॰ मञ्च]

१. खाट । खटिया ।

२. खाट की तरह बुनी हुई बंठने की छोटी पीढ़ा । मंचिया ।

३. सिहासन (को॰) ।

४. मैदान या खेतों आदि मे बना हुआ ऊँचा स्थान । मचान (को॰) ।

५. ऊँचा बना हुआ मँडल जिसप्रर बैठकर सर्वसाधारण के सामने किसी प्रकार की कार्य किया जाय । जैसे, रगमच । यौ॰—मंचनृत्य = एक प्रकार का नाच, मचपत्री । मचपीठ = मच पर बैठने का आसन । मंचमंडप । मचयूप = वह स्तंभ जिसके आधार पर मच का ढाँचा टिका रहता है ।