हिन्दी सम्पादन

प्रकाशितकोशों से अर्थ सम्पादन

शब्दसागर सम्पादन

मंगर † संज्ञा पुं॰ [सं॰ मकर] दे॰ 'मगर' । उ॰—जल बिच आस लगाइ कै, मगर तन पाई ।—वरनी॰ श॰, पृ॰ १० ।