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प्रकाशितकोशों से अर्थ सम्पादन

शब्दसागर सम्पादन

भौज्य संज्ञा पुं॰ [सं॰] वह राज्यप्रबध जिसमें प्रजा से राजा लाभ तो उठाता हो, पर प्रजा के स्वत्वों का कुछ विचार न करता हो । वह राज्य जो केवल सुखभोग के विचार से होता हो, प्रजापालन के विचार से नहीं । इसमें प्रजा सदा दुःखी रहती है ।