भैरवी
प्रकाशितकोशों से अर्थ
सम्पादनशब्दसागर
सम्पादनभैरवी संज्ञा स्त्री॰ [सं॰]
१. तांत्रिकों के अनुसार एक प्रकार की /?/ विशेष— भैरवी के कई मृतियाँ मानि जाती है । जैसे, त्रिपुर- भैरबी, कौलेशभैरवी, रुद्रभैरवी, नित्याभैरवी, चैतन्यभैरवी आदि । इन सबके ध्यान और पूजन आदि भिन्न भिन्न हैं ।
२. एक रागिनी जो भैरव राग की पत्नी और किसी किसी के मत से मालव राग की पत्ती मानी जाती है । विशेष— हनुमत के मत से यह संपूर्ण जाति की रागिनी है और शब्द ऋतु प्रातःकाल के समय गाई जाती है । इसका स्वरग्राम इस प्रकार है—म, प, ध, नि, सा, ऋ, ग । संगीत रत्नाकर के मत से इसमें मध्यम वादी और धैवत संवादी होता है ।
३. पुराणानुसार एक नदी का नाम ।
४. पार्वती (ड़ि॰) ।
५. शैव संन्यासिनी ।
६. युवती या द्बादशवर्षीया कन्या जो दुर्गा के रूप में पूजित कही गई है (को॰) ।