भुइँ
प्रकाशितकोशों से अर्थ
सम्पादनशब्दसागर
सम्पादनभुइँ पु संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ भूमि] भूमि । पृथ्वी । उ॰—विपति बीज वर्षा रितु चेरी । भुइँ भइ कुमति केकई केरी ।— तुलसी (शब्द॰) । मुहा॰—भुइँलाना = झुकाना । उ॰—कुंडल गहे सीस भुइँ लावा । पावँर सुअन जहाँ वै पावा ।—जायसी (शब्द॰) ।
भुइँ आँवला संज्ञा पुं॰ [सं॰ भूम्यामलक] एक घास का नाम जो बरसात में ठंढे स्थान, प्रायः घरों के आसपास होती है । भद्र आँवला । विशेष—इसकी पत्तियाँ छोटी छोटी एक सीके में दोनों ओर होती हैं ओर इसी सीकें में पत्तियो की जड़ों में सरसों के बराबर छोटे फूलों की कोठियाँ लगती हैं जिनके फूल फूलने पर इतने छोटे होते हैं कि उनकी पँखड़ियाँ स्पष्ट नहीं दिखाई देती । इसके फूलों के झड़ जाने पर राई के बराबर छोटा फल लगता है—यह घास ओषधि के काम मे आती हैं । वैद्यक में इसका स्वाद कड़वा, कसैला और मधुर तथा प्रकृति शीतल और गुण खाँसी, रक्तपित्त, कफ और पांडु रोग का नाशक लिखा है । यह वातकारक और दाहनाशक है । पर्या॰—भूम्यामलकी । भूम्यामली । शिवा । ताली । क्षेत्रमली । झारिका । भद्रामलकी ।