भीत
प्रकाशितकोशों से अर्थ
सम्पादनशब्दसागर
सम्पादनभीत ^१ संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ भित्ति]
१. भित्तिका । दीवार । मुहा॰—भीत में दौड़ना या दौरना = अपने सामर्थ्य से बाहर अथवा असंभव कार्य करना । उ॰—बालि बला खर दूषन और अनेक गिरे जे जे भीत में दौरे ।—तुलसी (शब्द॰) । भीत के विना चित्र बनाना = बे सिर पैर की बात करना । बिना प्रमाण की बात करना । उ॰—तात रिस करत भ्राता कहै मारिहौं मीति बिन चित्र तुग करत रेखा ।—सूर (शब्द॰) ।
२. विभाग करनेवाला परदा ।
२. चटाई ।
४. छत । गच ।
५. खंड । टुकड़ा ।
६. स्थान ।
७. दरार । ८ कोर । कसर । त्रुटि ।
९. अवसर । अवकाश । मौका ।
भीत ^३ संज्ञा पुं॰ भय । डर ।