प्रकाशितकोशों से अर्थ

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भावै  : अव्य० [हिं० भाना=अच्छा लगना]

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१. चाहे जो हो।

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२. जो चाहे तो। अच्छा लगे तो।

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३. अथवा। चाहे। या।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)

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भावै पु † अव्य॰ [हिं॰ भाना] चाहे । दे॰ 'भावइ' । उ॰— भावै चारिहु जुग महि पूरी । भावै आगि बाउ जल धूरी ।— जायसी (शब्द॰) ।