प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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भाड़ा ^२ संज्ञा पुं॰ एक घास जो प्रायः हाथ भर ऊँची होती और निर्बल भूमि में उपजती है । यह चारे के काम आती है ।

भाड़ा ^३ संज्ञा पुं॰ [सं॰ भरण] वह दिशा जिस ओर को वायु बहती हो । मुहा॰— भाड़े पड़ना = जिधर वायु जाती हो, उधर नाव को चलाना । नाव को वायु के सहारे ले जाना । भाड़े फेरना = जिधर हवा का रुख हो, उधर नाव का मुँह फेरना ।