भरोसा
प्रकाशितकोशों से अर्थ
सम्पादनशब्दसागर
सम्पादनभरोसा संज्ञा पुं॰ [सं॰ वर + आशा]
१. आश्रम । आसरा ।
२. सहारा । अवलब ।
३. आशा । उम्मेद ।
४. दृढ़ विश्वास । यकीन । क्रि॰ प्र॰—करना ।—रखना । मुहा॰—भरोसे का = विश्वस्त । जिसपर यकीन किया जाय । (किसी के) भरोसे भूलना = विश्वास पर रह जाना । उ॰— यह बेजबान के भरोसे भूले हैं । आपसे अच्छा है ।— फिसाना॰, भा॰ ३, पृ॰ २३ । भरोसे होना =आशा या उम्मीद करना । उ॰— आप जो इस भरोसे हो कि हमें तहजीब सिखाएँ तो यह खैर सलाह है ।— फिसाना॰, भा॰ १, पृ॰ ५ ।