प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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भरतार संज्ञा पुं॰ [सं॰ भर्त्ता]

१. पिति । खसम । खाविंद ।

२. स्वामी । मालिक । उ॰— मेरे तौ सदाई करतार भरतार हौ ।— घनानंद॰ पृ॰ १५७ ।