भयानक
विश्लेषण
किसी से भय लगने से उसे भयानक कहते है।
प्रकाशितकोशों से अर्थ
शब्दसागर
भयानक ^१ वि॰ [सं॰] जिसे देखने से भय लगता हो । भीषण । भयंकर । डरावना ।
भयानक ^२ संज्ञा पुं॰
१. बाध ।
२. राहु ।
३. भय । डर (को॰) ।
४. साहित्य में नौ रसों के अंतर्गत छठा रस । विशेष—इसका स्थायी भाव भय है । इसमें भोषण दृश्यों (जैसे, पृथ्वी के हिलने या फटने, समुद्र में तुफान आने आदि) का वर्णन होता है । इसका वर्ण श्याम, अधिष्ठाता देवता यम, आलंबन भयकर दर्शन, उद्दीपन उसके घोर कर्म और अनुभाव कंप, स्वेद, रोमांच आदि माने गए हैं ।