प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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भजन संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. भाग । खड । विभाजन ।

२. सेवा । पूजा ।

३. स्वत्व । अधिकार (को॰) ।

३. बार बार किसी पूज्य या देवता आदि का नाम लेना । स्मरण । जय ।

४. वह गीत जिसमें ईश्वर अथवा किसी देवता आदि के गुणों का कीर्तन हो । उ॰—भजन सुनै भजनीन सों निर्मित निज बहु संत ।—रघुराज (शब्द॰) ।