भगवत्स्मरन संज्ञा पुं॰ [सं॰] वैष्णवों में परस्पर अभिवादन सूचित करने का एक शब्द । उ॰—गाछे वह वैष्णव ने भगवत्स्मरन करयो ।—दो सौ बावन॰, भा॰ १, पृ॰ ३४ ।