भक्तबछल पु वि॰ [सं॰ भक्त + हिं॰ बछल] दे॰ 'भक्तवत्सल' । उ॰—राम गरीब नेवाज गरीबन सदा निवाजा । भक्तबछल भगवान करत भक्तन के काजा ।—पलटू॰ बानी, पृ॰ १५ ।