भकुरना † क्रि॰ अ॰ [देश॰] मुँह लटकाना । रूठ जाना । उ॰— निनी ने मनाया, अरी ठहर भी, यों ही भकुरने लगी ।—मृग॰, पृ॰ ४८ ।