भंडपना संज्ञा पुं॰ [हिं॰ भाँड + पना] १. भाँड़ों की क्रिया या भाव । भँडै़ती । २. भ्रष्टता । उ॰—भला और क्या चाहेंगे, हमारा भडपना जारी ही रहा ।—भारतेंदु ग्रं॰, भा॰ १, पृ॰ ३६७ ।