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प्रकाशितकोशों से अर्थ सम्पादन

शब्दसागर सम्पादन

भंजन ^१ संज्ञा॰ पुं॰ [सं॰ भञ्जन]

१. तोड़ना । भंग करना ।

२. भंग । ध्वंस ।

३. नाश ।

४. मंदार । आक ।

५. भाँग ।

६. दाँत गिरने का रोग । दे॰ 'भंजनक' ।

७. व्रण की वह पीडा़ जो वायु के कारण होती है ।

८. दूर करना । हटाना । जैसे, पीडा़ या दुःख ।

भंजन ^२ वि॰ भंजक । तोड़नेवाला । जैसे, भवभंजन, दुःखभंजन । उ॰—राजिव नयन धरे धनु सायक । भगत बिपति भंजन सुखदायक ।—मानस, १ ।१८ ।