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प्रकाशितकोशों से अर्थ सम्पादन

शब्दसागर सम्पादन

भंगराज संज्ञा पुं॰ [सं॰ भृड्गराज]

१. काले रंग की कोयल के आकार की एक चिड़िया जो सिरे से दुम तक १२ इच लंबी होती है ओर जिसमे ७ इच केवल पूँछ होती है । विशेष— यह भारत वर्ष के प्रय:सभी भागों में होती है । यह अच्यंत सुरीली ओर मधुर बोली बोलती है ओर प्रायः सभी पशुपक्षियों की बोलियों का अनुकरण करती है । यह लड़ती भी हे । इसका रंग बिलकुल काला होती हें, केवल पख पर दो एक पीली वा सफेद धारियाँ होती है । इसकी पूँछ गुजेटे की पूँछकी तरह कैचीनुमा होती हें । यह प्रय: जाडे़ में अधिक देख पड़ती है ओर कीडे़ मकोडे़ खाकर रहती हें ।

२. भँगरैया नाम की एक वनस्पति । दे॰ 'भँगरा ^२' ।