भँवनि पु संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ भ्रमण] धूमना फिरना । उ॰—देखत खग निकट मूग खनन्हि जुत थकित बिसारि जहाँ तहाँ की भँवनि ।—तुलसी (शब्द॰) ।