भँभेरि
प्रकाशितकोशों से अर्थ
सम्पादनशब्दसागर
सम्पादनभँभेरि पु संज्ञा स्त्रीं॰ [हिं॰ भँभरना] भय । डर । उ॰—राज मराल को बालक पेलि कै पालत लालत पूसर को । सुचि सुंदर सालि सकेलि सुवारि कै बीज बटोरत ऊसर को । गुन ज्ञान गुमान भँभेरि बडी़ कल्पद्रुम काटत मूसर को । कलिकाल अचार बिचार हरी नहीं सूझे कछू धमधूसर को ।—तुलसी (शब्द॰) ।