भँगारि पु संज्ञा स्त्री॰ [प्रा॰ भंगा + र; कुमा॰ भंगार ( = राख)] गंदगी । राख । छार । उ॰—सुंदर देह मलीन है राष्यो रूप सँवारि । ऊपर ते कलई करी भीतरि भरी भँगारि ।—सुंदर॰ ग्रं॰, भा॰ २, पृ॰ ७२० ।