प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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ब्रह्मलोक संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. वह लोक जहाँ ब्रह्मा रहते हैं । उ॰—ब्रह्मलोक लगि गएउँ मैं चितएउँ पाछ उड़ात ।—मानस, ७ ।७९ ।

२. मोक्ष का एक भेद । विशेष—कहते हैं कि जो लोग देवयान पथ से ब्रह्मलोक को प्राप्त होते हैं उन्हें फिर इस लोक में जन्म नहीं ग्रहण करना पड़ता ।