बौखल वि॰ [हिं॰ बाउ + सं॰ स्खलन] सनकी । पागल । उ॰— वह बौखल सा आदमी, जो खपरैल में बैठा था न, उसने बहुत दिक किया ।—फिसाना॰, भा॰ ३, पृ॰ १२७ ।