बेलना
प्रकाशितकोशों से अर्थ
सम्पादनशब्दसागर
सम्पादनबेलना ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰ वलन] काठ का बना, हुआ एक प्रकार का लंबा दस्ता जो बीच में मोटा और दोनों और कुछ पतला होता है और जो प्रायः रोटी, पूरी, कचौरी आदि की लोई को चकले पर रखकर बेलने के काम आता है । यह कभी कभी पीतल आदि का भी बनता है ।
बेलना ^२ क्रि॰ स॰
१. रोटी, पूरी, कचौरी आदि को चकले पर रखकर बेलने की सहायता से दबाते हुए बढ़ाकर बड़ा और पतला करना ।
२. चौपट करना । नष्ट करना । मुहा॰—पापड़ बेलना=काम बिगाड़ना । चौपट करना ।
३. विनोद के लिये पानी के छीटे उड़ाना । उ॰—पानी तीर जानि सब बेलैं । फुलसहिं करहिं काटकी केलै ।—जायसी (शब्द॰) ।