बेनूर वि॰ [फा़॰] प्रकाश रहित । ज्योतिहीन । निष्प्रभ । उ॰— चढ़ा दार पर जब शेख मंसूर । हुए उस वक्त सूरज चद बेनूर ।—कबीर ग्रं॰, पृ॰ ६०६ ।