मजबूरी
बेकसी वि॰ स्त्री॰ [फ़ा॰] १. असहाय होने की स्थिति । निराश्रयता । २. विवशता । दीनता । उ॰—क्यों वह दौलतमंद है जिसके पास जरे बैकसी नहीं ।—भारतेंदु॰ ग्रं॰, भा॰ २, पृ॰ ५७० ।