बेअंत पु † क्रि॰ वि॰ [हिं बे (=बगैर) + सं॰ अन्त] जिसका कोई अंत न हो । अंनत । असीम । बेहद । उ॰—अगम अपारु अंतु कछु नाहीं । एह बेअंत न कीमति पाहीं ।—प्राण॰, ९८ ।