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प्रकाशितकोशों से अर्थ सम्पादन

शब्दसागर सम्पादन

बीमा संज्ञा पुं॰ [फा॰ बीम (=भय)] किसी प्रकार की विशेषतः आर्थिक हानि पूरी करने की जिम्मेदारी जो कुछ निश्चित धन लेकर उसके बदले में की जाती है । कुछ धन लेकर इस बात की जमानत करना कि यादि अमुख कार्य में अमुक प्रकार की हानि होगी तो उसकी पूर्ति हम इतना धन देकर कर देंगे । विशेष—आजकाल बीमे की गणना एक प्रकार से व्यापार के अंतर्गत होती है ओर इसके लिये अनेक प्रकार की कंपनियाँ स्थपित हैं । उसमें बीमा करनेवाला कुछ निश्चित नियमों के अनुसार समय समय पर या एक साथ ही कुछ निश्चित धन लेकर अपने ऊपर इस बात का जिम्मा लेता है कि यदि बिमा करनेवाले की अमुक कार्य या व्यापार आदि में अमुक प्रकार की हानि या दुर्घटना आदि होगी तो उसके बदले में हम बीमा करानेवाल को इतना धन देगे । आजकाल मकानों या गोदामों आदि के जलने का, समुद्र में जहजों के डूबने का, भेजे हुए माल को ठीक दशा मे नियत स्थान तक पहुँचने का या दुर्घटना आदि के कारण हाथ पेर टूटने या शरीर बेकाम हो जाने का बीमा होता है । एक प्रकार का बीमा ओर होता है जो जान बीमा या जीवन बीमा कहलाता हे । इसमे बीमा करानेवाले को प्रतिमास, प्रतिवर्ष, अथवा एक साथ ही कुछ निश्चित धन देना पड़ता हे और उसके किसी निश्चित अवस्था तक पहुँचने पर उसे बीमे की रकम मिल जाती हे; अथवा यदि उस निश्चित अवस्था तक पहुँचने से पहले ही उसकी मृत्यु हो जाय तो उसके परिवारवालो को वह रकम मिल जाती है । आजकल बालको के विवाह और पढ़ाई लिखाई के व्यय के संबंध में भी बीमा होने लगा है ओर वृद्धावस्था मे शरीर अशक्य हो जाने की दशा मे जीवननिर्वाह का भी । डाक द्वारा पत्र या माल आदि भेजने का भी डाकविभाग द्वारा बीमा होता है । यौ॰—बीमा कराई=वह धन जो बीमा करानेवाला बीमा कराने के लिये बीमा करनेवाले को देता है ।

२. वह पत्र या पार्सल आदि जिसका इस प्रकार बीमा हुआ हो ।