बिहबल पु वि॰ [सं॰] १. व्याकुल । उ॰—यादोपति यदुनाथ खगपति साथ जन जान्यो बिहबल तब छाँड़ि दियो थल में ।—सूर (शब्द॰) । २. शिथिल । उ॰—ह्वै गई बिहबल अंग पृथु फिरि सजे सकल सिंगार जू ।—केशव (शब्द॰) ।