हिन्दी सम्पादन

प्रकाशितकोशों से अर्थ सम्पादन

शब्दसागर सम्पादन

बिस्तर आदि का बिछाया जाना । फैलाया जाना ।

२. किसी पदार्थ । जमीन पर बिखेरा जाना । छितराया जाना ।

३. (मार पीटकर) जमीन पर लिटाया या गिराया जाना । संयो॰ क्रि॰—लाना ।

बिस्तर संज्ञा पुं॰ [सं॰ विस्तर, फा़॰]

१. बिछौना । बिछावन । वह मोटा कपड़ा जिसे फैलाकर उसपर सोएँ । शयनासन ।

२. विस्तार । बढ़ाव । उ॰—(क) जोति एकै कियौ बिस्तर, तहाँ जहाँ समाइ ।—जग॰ बानी, पृ॰ २ । (ख) बहुत काल लगि दोउ युध कीन्हो । बिस्तर भीति न मे कहि दीन्हो ।—रघुराज (शब्द॰) ।