प्रकाशितकोशों से अर्थ

सम्पादन

शब्दसागर

सम्पादन

बिकार पु † ^१ वि॰ [सं॰ विकार या विकराल] जिसकी दशा विकृत हो ।

२. विकराल । विकट । भीषण । उ॰—तुम जाहु बालक छाँड़ि जमूना श्यामा मेरो जागिहै । अंग कारो मुख बिकारो दृष्टि पर तोहिं लागिहै ।—सूर (शब्द॰) ।

बिकार पु † ^२ संज्ञा पुं॰ [सं॰ विकार]

१. बिगड़ा हुआ रूप । विकृति । विक्रिया । उ॰—बारिद बचन सुनि धुनि सीस सचिवनि कहे दससीस ईस बामता बिकार है ।—तुलसी (शब्द॰) ।

२. रोग । पीड़ा । दुःख ।

३. दोष । ऐब । खराबी । बुराई । अवगुण । उ॰—जड़ चेतन गुण दोषमय विश्व कीन्ह करतार । संत हंस गुन गहहिं पय परिहरि बारि बिकार ।—तुलसी (शब्द॰) ।

४. बुरा कृत्य । पापकर्म । उ॰—भनै रघुराज कार्पण्य पण्य चौधरी है जग के बिकार जेते सबै सरदार हैं ।—रघुराज (शब्द॰) ।

५. कुवासना । उ॰—रंजन संत आखिल अघगंजन भंजन विषय बिकारहि ।—तुलसी (शब्द॰) । विशेष दे॰ 'विकार' ।