संज्ञा

पु.

अनुवाद

प्रकाशितकोशों से अर्थ

शब्दसागर

बाप संज्ञा पुं॰ [सं॰ वप्ता, प्रा॰ बप्पा, बप्प, अथवा सं॰ वापक(=बीज बोनेवाला)] पिता । जनक । उ॰— (क) प्रथमै यहाँ पहुँचते परिगा सोक सँताप । एक अचंभो औरी देखा बेटी ब्याहै बाप ।—कबीर (शब्द॰) । (ख) बाप दियों कानन आनन सुमानन सों बैरी भी दसानन सो तीय को हरन भो ।—तुलसी (शब्द॰) । मुहा॰—बाप दादा=पूवँज । पूर्वपुरुष । बापदादा बखानना= पूर्वजों को गाली देना या उनकी निंदा करना । बाप माँ= रक्षक । पालन करनेवाला । बाप रे=दुःख, भय या आश्चर्य- सूचक वाक्य । बाप बनाना=(१) मान करना । आदर करना । (२) खुशामद करना । चापलूसी करना । बाप तक जाना=बाप की गाली देना । वाप का=पैतृक ।

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