प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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बाधा संज्ञा स्त्री॰ [सं॰]

१. विघ्न । रुकवट । रोक । अड़चन । उ॰— द्विज भोजन मख होम सराघा । सब के जाइ करहु तुम बाधा ।— तुलसी (शब्द॰) । क्रि॰ प्र॰—आना ।—करना ।—होना । मुहा॰—बाधा करना, ड़ालना या देना=रुकावट खड़ी करना । विघ्न उपस्थित करना । बाधा पड़ना=रुकावट खड़ी होना । विघ्न उपस्थित होना । वाधा पहुँचना=दे॰ 'बाधा पड़ना' ।

२. संकट । कष्ट । दुःख । पीड़ा । उ॰— (क) छुधा व्याधि बाधा भइ भारी । वेदन नहिं जानै महतारी ।—तुलसी (शब्द॰) । (ख) मेरी भव बाधा हरौ राधा नागरि सोइ । जा तन की झाँई परे स्याम हरित दुति होइ ।—बिहारी (शब्द॰) ।

३. भय । डर । आशंका । उ॰—(क) मारेसि निसिचर केहि अपराधा । कहु सठ तोहि न प्रान कै बाधा ।—तुलसी (शब्द॰) । (ख) आजु ही प्रात इक चरित देख्यों नयों तबहि ते मोहि यह भई बाधा ।—सूर (शब्द॰) ।