प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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बाग अंगद देखाए घाय तन मैं ।—तुलसी (शब्द॰) ।

२. अमात्य । मंत्री । वजीर ।

३. प्रबंधकर्ता ।

बाग ^१ संज्ञा पुं॰ [अ॰ बाग] वह स्थान जहाँ शोभा और मनो- विनोद आदि के लिये अनेक प्रकार के छोटे बड़े पेड़ पौधे लगाए गए हो । उद्यान । उपवन । बाटिका । बारी ।

बाग ^२ संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ वल्गा] लगाम । मुहा॰—बाग उठाना = कूच करना । यात्रा करना । बाग छूटना = बेकावू होना । बाग मोड़ना = किसी ओर प्रवृत्त करना । किसी ओर घुमाना । उ॰—महमूद गजनवी ने अपने लश्कर की बाग हिंदुस्तान की तरफ मोड़ी ।—शिव- प्रसाद (शब्द॰) ।