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प्रकाशितकोशों से अर्थ सम्पादन

शब्दसागर सम्पादन

बहना क्रि॰ अ॰ [सं॰ वहन]

१. द्रव पदार्थो का निम्न तल की ओर आपसे आप गमन करना । पानी या पीने के रूप की वस्तुओं का किसी ओर चलना । प्रवाहित होना । उ॰— हिमगिरि गुहा एक अति पावनि । बह समीप सुरसरी सुहा- वनि ।—तुलसी (शव्द॰) । संयो॰ क्रि॰—जाना । मुहा॰—बहती गंगा में हाथ धोना=किसी ऐसी बात से लाभ उठाना जिससे सब लाभ उठा रहे हों । बहती नदी में पाँव पखारना=दे॰ 'बहती गंगा में हाथ धोना' । बह चलना= पानी की तरह पतला हो जाना । जैसे,—दाल या तरकारी का ।

२. पानी की धारा में पड़ककर जाना । प्रवाह में पड़कर गमन करना । जैसे, बाढ़ में गाय, बैल, छप्पर आदि का बह जाना ।

३. स्त्रवित होना । लगातार बूंद या धार के रूप में निकलकर चलना । (जो निकले ओर जिसमें से निकले दोनों के लिये) । जैसे, मटके का घी बहना, शरीर से रक्त बहना, फोड़ा बहना ।

४. वायु का संचरित होना । हवा का चलना । जैसे, हवा बहना । उ॰—(क) गुंज मंजुतर मधुकर श्रेनी । त्रिविध बयारि बहइ सुख देनी ।—तुलसी (शब्द॰) । (ख) चाँदनी के भारन दिखात उनयी सो चंद गंध ही के भारन बहत मंद मंद पौन ।—द्विजदेव (शब्द॰) ।

५. कहीं चला जाना । इधर उधर हो जाना । हट जाना । दूर होना । जैसे,—(क) मंडली के टूटते ही सब इधर उधर हो गए । (ख) कबूतरों का इधर उधर बह जाना । (कबूतर- बाज) । उ॰—सुक सनकादि सकल मन मोहे, ध्यानिन ध्येन बह्यो ।—सूर (शब्द॰) ।

६. ठीक लक्ष्य या स्थान से सरक जाना । हठ जाना । फिसल जाना । जैसे,—टोपी के गोट का नीचे बह आना । धोती का कमर के नीचे बह आना ।

७. बिना ठिकाने का होकर घूमना । मारा मारा फिरना । जैसे,—न जाने कहाँ का बहा हुआ आया, यद्द' ठिकाना लग गया ।

८. सन्मार्ग से दूर हो जाना । कुमागा होना । आवारा होना । चौपट होना । बिगड़ना । चरित्र- भ्रष्ट होना । जैसे,—लुच्चों के साथ में पड़कर वह बह गया । उ॰—मातु पितु गुरु जननि जान्यो भली खोई महति । सूर प्रभु को ध्यान धरि चित अतिहि काहे बहति ।—सूर (शब्द॰) । ९ । गया बीता होना । अधम या बुरा होना । जैसे,—वह ऐसा नहीं बह गया है कि तुम्हारा पैसा छूएगा ।

१०. गर्भपात होना । अड़ाना । (चौपायों के लिये) ।

११. बहुतायत से मिलना । सस्ता मिलना । संयो॰ क्रि॰—चलना ।

२. (रुपया आदि) डूब जाना । नष्ठ जाना । व्यर्थ खर्च हो जाना ।

१३. कनकौवे की डोर का ढीला पड़ना । पतंग का पेटा छोड़ाना ।

१४. जल्दी जल्दी अंडे देना । मुहा॰—बहता हुआ जोड़ा=बहुत अंडे देनेवाला जोड़ा (कबूतर) ।

१५. लादकर ले चलना । ऊपर रखकर ले चलना । बहन करना । उ॰—जन्म याहि रूप गयो पाप बहत ।—सूर (शब्द॰) ।

१६. खींचकर ले चलना (गाड़ी आदि) । उ॰—अस कहि चढ़यों ब्रह्म रथ माहीं । श्वेत तुरंग बहे रथ काहीं ।—रघुराज (शब्द॰) । पु

१७. धारण करना । रखना । उ॰—छोनी में न छाँड़्यो छप्पो छोनिप को छोना छोटो छोनिपछपन वाको बिरद बहत हौं ।—तुलसी (शब्द॰) ।

१८. उठना । चलना । उ॰—बहइ न हाथ दहइ रिस छाती ।—तुलसी (शब्द॰) ।

१९. निर्वाह करना । निबाहना । उ॰—गाड़े भली उखारे अनुचित बनि आए बहिबे ही ।—तुलसी (शब्द॰) ।

२०. बीतना । गुजरना । व्यतीत होना । उ॰—बहुत काल बहि गए भरे जगल धर पूरन ।—पृ॰ रा॰, १ । ५२० ।