प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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बस्ती संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ वसति]

१. बहुत से मनुष्यों का घर बनाकर रहने का भाव । आबादी । निवास । उ॰—जिन जिह्वा गुन गाइया बिन बस्ती का गेह । सूने घर का पाहुना तार्सो लावै नेह ।—कबीर (शब्द॰) ।

२. बहुत से घरों का समूह जिसमें लोग बसते हैं । जमपद । खेड़ा, गाँव, कसबा, नगर इत्यादि । जैसे,—राजपूताने में कोसों चले जाइए कहीं बस्ती का नाम नहीं । उ॰—मन के मारे बन गए, बन तजि बस्ती माहिं । कहै कबीर क्या कीजिए या मन ठहरै नाहिं ।—कबीर (शब्द॰) ।