प्रकाशितकोशों से अर्थ
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बरन संज्ञा पुं॰ [सं॰ वर्ण]
१. दे॰ 'वर्ण' ।
२. रंग । उ॰— सुबरन बरन सुवास जुत, सरस दलनि सुकुमारि ।—मतिराम (शब्द॰) ।
३. हिंदू जाति के चार मुख्य वर्ग । उ॰—प्रेम दिवाने जो भए जात बरन गई छूट । सहजो जग बोरा कहैं लोग गए सब फूट ।—सहजो॰, पृ॰ ४० ।