बम
प्रकाशितकोशों से अर्थ
सम्पादनशब्दसागर
सम्पादनबम ^१ संज्ञा पुं॰ [अं॰ बॉम्ब] विस्फोटक पदार्थों से भरा हुआ लोहे का बना हुआ वह गोला जो शत्रुओं की सेना अथवा किले आदि पर फेंकने के लिसे बनाया दाता है और गिरते ही फटकर आस पास के मनुष्यों पदार्थों की भारी हानि बहुँचाता है । क्रि॰ प्र॰—गिरना ।—गिराना ।—चलना ।—चलना ।—फेंकना ।—मारना । यौ॰—बमबर्पक = एक प्रकार का हवाई जहाज । वह वायुयान जो बम गिराता है । बमबारी = बम को पर्षा । विस्फोटक बमों का लगातार गिरना ।
बम ^२ संज्ञा पुं॰ [अनुध्व॰]
१. शिव के उपासकों का वह 'बम, बम' शब्द जिसके विषय में यह माना जाता है कि इसके उच्चारण से शिव जी प्रसन्न होते हैं । विशेष—कहा जाता है, शिब जी ने कुपित होकर जब दक्ष का सिर काट लिया तब बकरे का सिर जोड़ा गया जिससे वे बकरे की तरह बोलने लगे । इससे जब लोग गाल बजाते हुए 'बम, बम' करते हैं तब शिब जी प्रसन्न होते हैं । मुहा॰—बम बोलना या बोल जाना = शक्ति, धन, आदि की समाप्ति हो जाना । कुछ न रह जाना । खाली हो जाना । दिवाला हो जाना ।
२. शहनाई बजानेवालों का वह छोटा नगाड़ा जो बजाते समय बाईं ओर रहता हैं । भादा नगाड़ा । नगड़िया ।
बम ^३ संज्ञा पुं॰ [कनाड़ी बंबू बाँस]
१. बग्गी, फिटन आदि में आगे की ओर लगा हुआ वह लंबा बाँस जिसके दोनों ओर घोड़े जोते जाते हैं ।
२. एक्के, गाड़ियों आदि में आगे की ओ र लगा हुआ लकड़ियों का वह जोड़ा जिसके बीच में घोड़ा खड़ा करके जोता जाता है ।