बनकर संज्ञा पुं॰ [सं॰ बनकर] १. एक प्रकार का अस्त्रसंहार । शत्रु के चलाए हूए हथियार को निष्फल करने की युक्ति । २. जंगल में होनेवाले पदार्थं अर्थात् लकड़ी, घास आदि की आमदनी । ३. सूर्य (डिं॰) ।